Galib ki shayari galib ke sher

 Galib Ki shayri - Galib ke sher 


1) बड़े ही अजीब हैं ये ज़िन्दगी के रास्ते,
अनजाने मोड़ पर कुछ लोग अपने बन जाते हैं,
मिलने की खुशी दें या न दें,
मगर बिछड़ने का गम ज़रूर दे जाते हैं।
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2) बुलंदियां तुम्हे खुद ही तलाश कर लेंगी
मौका ना छोड़िये मुश्किलों में मुस्कुराने का।
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3)कभी किसी " बेहतर " की खोज में 

किसी " बेहतरिन " को मत खो देना
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4)बदनाम है हम जिस मेहबुबा के नाम सारे शहर मे...

ऐ गालिब..

कसम खा कर कहते.. उसको तो हमने ठिक से देखा तक नहीं है...❤️❤️😍😍
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5)गुलामी की आज फिर
आखरी रात है।
कल फिर
आज़ादी की बात है।
एक दिन के लिए
हिंदुस्तानी होने की बात है।
उसके बाद फिर से
वही धर्म जात और पात है।🇮🇳🇮🇳✍👍🤭
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6)हाथ ख़ाली हैं तेरे शहर से जाते जाते,
जान होती तो मेरी जान लुटाते जाते,
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है,
उम्र गुज़री है तेरे शहर में आते जाते..।।
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7)जब सब ये कहें, ख़ामोश रहो
जब सब ये कहें, कुछ भी ना कहो
तब समझो कहना लज़िम है
मैं ज़िंदा हूँ, सच ज़िंदा है,
अल्फ़ाज़ अभी तक ज़िंदा हैं


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